Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2021 · 3 min read

पोसलाहा छागर सब आई गेले घर छह? (हास्य कटाक्ष)

बाबा बड़बड़ाइत चल जाइत रहै जे हे पोसलाहा खस्सी सब? आई त गेले घर छह? पूजा होइ टा के देरी छै? तकरा बाद खरांस स गर्दैन उड़ा देल जेतह? ताबे भागेसर पंडा बमैक गेल जे अहां किए एना खस्सी सबके मोन भांगठ करै पर लागल छियै? भगवति स्थान मे ज खस्सी मूड़ि नै डोलबै त बैइल कोना चढ़तै? बाबा सेहो तामसे तमतमा क तामसे फाइर भेल बजलै अईं हौ भागेसर इ कहअ त भगवति ई कहै छथुन जे बैइल चढाबह? की अपनामने तूं सब तितमहा करै जाइ छह जे भगवति नाम पर पोसलाहा खस्सी के चढ़ा सांझे स माउस गबर गबर भोकसब की ने? आ बहन्ना जे भगवति के बैइल चढाएब. कहअ त भगवति कहूं कहथिदिन जे हमरा बैइल चढाबह? एतेक कहूँ बैइल चढाएब भेलैए जे दुर्गा स्थान मे लाइन लागल रहै छै?

बाबा आ भागेसर मे कहा कहि होइत रहै. भागेसर कहै बाबा अहाँ के एको रति धर्म कर्म दिया नै बुझै छियै? बाबा बजलै हौ ताबे तोंही कोन बड्ड नेहाल कए देलहक आ समाज स अंधविश्वास के हटा देलहक? भागेसर बाजल यौ बाबा सब दिन स जे होइत एलैए से लोक केना छोइड़ देतै? बाबा कहलकै हौ भागेसर जा जा कि बेमतलबक हमरा संगे डिस्कस करै मे लागल छहअ? जल्दी दुर्गा स्थान जा नै त छागरक सीरा कमीटी वला ध रखतअ त तोरा कीछो फैबो ने लगतह? जा तंहू छागर पोसनहे छह त लगले दुर्गा स्थान भऽ आबह? भागेसर बाजल हम जाएब सै अपना मने की अंहा मने?

एम्हर कहा कही होइते रहै बाबा के मोन रंज भेल रहै की ताबे हमहूँ बाबा लक पहुँचलौ आ एक लोटा जल चढा देलियैन? की बाबा आरो अघोर भेल बजलै कोन उलुआ सब छी जे बेरो कुबेरो जल चढा दैइए? अखैन लोक बैइल चढबै लै जाइए आ एकरा जल ढारबाक तार छै? के छियअ हौ? हम बजलहुँ यौ बाबा हम छि कारीगर. ई सुनि बाबा के कनी तामस कम भेलै कहलकै जे अच्छा तूं छियअह तोरो अखुनके बड्ड तार लागल छेलह? एकटा काज करह कनी एक बाल्टी पाइन आनि के बसहा बरद के पिया दहक आ कनि एक जूम तमाकुल खुआबह. भागेसर पंडा त अपने एक बाकुट तमाकुल खा गेल आ हम मंगलियै त कहलक जे आब चुनैटी मे तमाकुले नै अछि? ई सुनि भागेसर फेर बमैक गेल जे बाबा अहाँ खाली हमरा बेज्जैत करै पर लागल रहै छी की? बाबा बजलै एह हमरा कहबाक भावार्थ बुझलहक नैहें? कहबाक ई जे जहिना एक बाकुट तमाकुल एक्के बेर नै खेबाक चाही तहिना ओतेक छागर के बैइल नै देबाक चाही? भागेसर तैइओ बाजल बैइल हेबाके चाही की आ डिस्कस करअ लागल.

हम भागेसर के समझा बुझहा के शांत करौलहुँ आ फेर तमाकुल चुना एक एक जूम बाबा आ भागेसर पंडा के देलियै. बाबा स पुछलहुँ जे की भेल जे अहाँ भागेसर संगे डिस्कस मे लागल छी बेमतलबो. बाबा बजलौ हौ कारीगर हम त सुप्पत गप कहै छियैअ त भागेसर बेमतलबो डिस्कस मे लागल यै? हम बजलहुँ यौ बाबा सोझ साझ फरिछा के कहू जे भेल की? बाबा हां हां क हँसैत बजलै हौ कारीगर तहूं पत्रकार भऽ एते खाने बुझहै छहक? आईं हौ आई सतमी मेला छियै त गाम घर दिस दरबज्जे दरबज्जे पोसुआ छागर देखलहक की ने? हम कहलियै जे हँ देखलियै त कएटा दरबज्जा पर दू दू चारि टा के? बाबा बजलै देखिहक जे अष्टमी नौमी दिन त आरो ततेक बैइल चढबै जेतै से दुर्गा स्थान खूने खूनाम अनपट लागल रहतै?

बाबा कहैअ लागल एह अखैन देखबहक जे सब खस्सी के खूब मान दान करतह की, कटहर पत्ता, घास, जिमरक पत्ता, की की ने खुएतह? एतेक दिन लोक डाइलोक माइरतह जे बकरी खस्सी छोटका जाइत सब पोसै जाइए आ अखनी त बड़को जाइत सब बैल चढबै दुआरे छागर पोसअ लागल. अइ गप के फेर जातिवादी नै बना दिहक, तूं सब यथार्थ बुझने बिना अकानह नै लगिहअ?
हे देखहक त भागेसरो पंडा दू टा छागर पोसने अछि आ दुनू भगवति के चढौतै. एकटा अपना आ दोसर बेटा साति. कहअ त भगवति कहूं कहथिहिन जे हमरा बैल चढाबह? दरबज्जा पर खस्सी देख हम एतबा त बाजल रही जे हे छागर आई तों सब गेल घर छह? पूजा होइतै मातर खरांस स गर्दैन उड़ा देल जेतह? यैह गप सुनि देखै छहक भागेसर के बेटा सरवेसर हूर उठा देलकै आ भागेसरो हमरा स लड़ै लै एलैह जे अहां छागर के भरकबै मे लागल छियै?

लेखक: डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

1 Like · 531 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
हट जा भाल से रेखा
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
Hello
Hello
Yash mehra
मां बेटी
मां बेटी
Neeraj Agarwal
कहती गौरैया
कहती गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
रमेशराज की तेवरी
रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रावण
रावण
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
In lamho ko kaid karlu apni chhoti mutthi me,
In lamho ko kaid karlu apni chhoti mutthi me,
Sakshi Tripathi
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
3218.*पूर्णिका*
3218.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी एक सफ़र अपनी
जिंदगी एक सफ़र अपनी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
Jyoti Khari
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
*रहेगा सर्वदा जीवन, सभी को एक यह भ्रम है (मुक्तक)*
*रहेगा सर्वदा जीवन, सभी को एक यह भ्रम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
आर.एस. 'प्रीतम'
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
करवाचौथ
करवाचौथ
Mukesh Kumar Sonkar
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
Sanjay ' शून्य'
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
जग के जीवनदाता के प्रति
जग के जीवनदाता के प्रति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...